विभाग : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि०, उत्तर प्रदेश
योजना का उद्देश्य/परिचय

इस महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के लिये उद्यमिता विकास के माध्यम से विभिन्न उपयोगी परियोजनाओं की स्थापना की जायेगी, जिसमें अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का क्लस्टर/ समूहों में चयन किया जायेगा एवं क्लस्टर/ समूह द्वारा प्रस्तुत परियोजना के सफल संचालन के निदान हेतु उन्हें प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा एवं कलस्टर लिकेज की व्यवस्था सहित उनके उत्पादों को बाजार प्रदान करने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को क्लसटर (समूह) के रूप में परियोजनाओं को स्थापित करा कर आय का सृजन करने के लिये प्रति व्यक्ति रू0 50,000/- अथवा प्रोजेक्ट धनराशि का 50 प्रतिशत जो भी कम हो, सहायता अनुदान के रूप में प्रदान की जायेगी। परियोजना/ इकाई की स्थापना में कौशल विकास, आय सृजक योजनायें व अवसंरचना निर्माण में से कम से कम दो घटकों को आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जायेगा।


पात्रता
  • उम्र- 18 वर्ष।
  • वर्ग- अनुसूचित जाति के व्यक्ति।
  • आय- यद्यपि लाभार्थियों के चयन में आय की कोई सीमा नही होगी, किन्तु रू0 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये) वार्षिक आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जायेगी।
  • मूल निवास- उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।

लाभ

अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलम्बी बनाना।


आवश्यकताएँ

उपरोक्त पात्रता के शर्तों अनुरूप. साथ ही अनुसूचित जाति की महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिये विशेष प्राविधानः-

  • कुल अनुदान का 15 प्रतिशत विशेष रूप से अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिये आय सृजक आर्थिक विकास स्कीमों/ कार्यक्रमों हेतु उपयोग किया जायेगा।
  • महिलाओं के आर्थिक विकास को आवश्यक प्रोत्साहन देने के लिये कौशल विकास कार्यक्रमों में कम से कम 30 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।


आवेदन का मोड

ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के कार्यालय के माध्यम से।


आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के कार्यालय के माध्यम से।


आवेदन की स्थिति चेक करने की प्रक्रिया

वेबसाइट, ईमेल तथा मोबाइल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।


आवेदन पत्र फाइनल सबमिट करने के बाद कहां जाता है?

जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के कार्यालय में प्राप्त होता है। तदोपरांत योजनान्तर्गत जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति (डी०एल०पी० ए०सी०सी०) के माध्यम से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का चयन कर समूह रूप में विभिन्न योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है, तथा प्रदेश स्तर पर विभिन्न उपयोगी योजनायें बनाकर राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट अप्रेजल कन्वरजेन्स समिति (एस०एल०पी०ए०सी०सी०) से अनुमोदित कराकर भारत सरकार को अनुमोदनार्थ प्रेषित की जायेगी। जहाँ से स्वीकृति के उपरांत ग्रांट प्रदान किया जाएगा।


आवेदन पत्र का प्रिंट निकालने के बाद कहां जमा करना होता है?

जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के कार्यालय में।


लाभ प्राप्त करने के लिए किससे सम्पर्क करना होगा?

जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) के कार्यालय में।