विभाग : जनजाति विकास विभाग, उत्तर प्रदेश
योजना का उद्देश्य/परिचय

अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं जो अपने घरों से दूर रहकर अध्ययन कर रहे है, उनकी आवासीय समस्याओं को दूर करने के लिए जनजाति विकास विभाग द्वारा छात्रावास निर्माण का कार्य किया जाता है। इन छात्रावासों में छात्रों को निःशुल्क आवास, फर्नीचर और बिजली प्रदान की जाती है।


पात्रता
  • शैक्षणिक योग्यता- स्कूल/कालेज/विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् हों
  • लिंग- स्त्री०/पु०
  • वर्ग- अनुसूचित जनजाति।
  • मूल निवास- लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
  • विशेष मानदण्ड- किसी भी प्रकार की नौकरी/अन्य व्यवसाय में लगे छात्रों को छात्रावास में प्रवेश अनुमन्य नहीं होगा।

लाभ

इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं जो अपने घरों से दूर रहकर अध्ययन कर रहे हैं, उनकी आवासीय समस्याओं को दूर करने के लिए जनजाति विकास विभाग द्वारा छात्रावास निर्माण का कार्य किया जाता है। इन छात्रावासों में छात्रों को निःशुल्क आवास, फर्नीचर और बिजली प्रदान की जाती है। रसोइया और सफाई कर्मचारी आधिकारिक खर्चे प्रदान किए जाते हैं, लेकिन भोजन आदि पर होने वाले खर्च का वहन छात्रों को स्वयं करना होता है।


आवश्यकताएँ
  • स्कूल/कालेज/विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् प्रमाणक।
  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • जाति प्रमाण-पत्र।
  • निवास प्रमाण-पत्र।
  • आय प्रमाण-पत्र।
  • फोटो-ग्राफ।

आवेदन का मोड

ऑफलाइन।


आवेदन प्रक्रिया

ऑफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

  • चरण-1 आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र भरकर जिला समाज कल्याण अधिकारी/परियोजना अधिकारी जनजाति विकास के कार्यालय में जमा किया जायेगा।
  • चरण-2 आवेदक का प्रार्थना पत्र परीक्षणोपरान्त प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष छात्रावासों में प्रवेश हेतु छात्रों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित प्रबंध समिति द्वारा किया जायेगा।

आवेदन पत्र का प्रिंट निकालने के बाद कहां जमा करना होता है?

जिला समाज कल्याण अधिकारी/परियोजना अधिकारी जनजाति विकास के कार्यालय में।


आवेदन पत्र फाइनल सबमिट करने के बाद कहां जाता है?

जिला समाज कल्याण अधिकारी/परियोजना अधिकारी जनजाति विकास के कार्यालय में।


लाभ प्राप्त करने के लिए किससे सम्पर्क करना होगा?

जिला समाज कल्याण अधिकारी/परियोजना अधिकारी जनजाति विकास के कार्यालय में।