उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं प्रतिभावान छात्रों को उत्कृष्ठ आवासीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान करने के उद्देश्य से जनजाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 03 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म एवं खेल कूद आदि की व्यवस्था राज्य सरकार करती है। ये केन्द्र सरकार की सहायता से संचालित सह शिक्षा विद्यालय है। इन विद्यालयों में अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है। जिसमें 80 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 5 प्रतिशत विशेष रूप से अति पिछड़े जनजाति समुदाय (पी०वी०टी०जी०), 5 प्रतिशत विमुक्त जाति/घुमन्तु तथा अर्द्धघुमन्तु जनजाति (डी०एन०टी०/ एन०टी०/ एस०एन०टी०) एवं 10 प्रतिशत नक्सल/ विद्रोह/ कोविड के कारण अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों /विधवा महिलाओं के बच्चों/ दिव्यांग माता/ पिता के बच्चों/ अनाथ बच्चों/ भूदाता के बच्चों को प्रवेश दिया जाना सम्मिलित है।
इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, आवासीय सुविधाएं, छात्रावास, यूनिफार्म, पाठ्य- पुस्तकें, स्टेश्नरी, दैनिक उपयोग की सामग्री, भोजन व नाश्ता आदि उपलब्ध कराया जाता है।
ऑफलाइन।
आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र भरकर प्रवेश हेतु इच्छुक विद्यालय में जमा किया जायेगा।
आवेदन की स्थिति जानने के लिए सम्बंधित विद्यालय से संपर्क करें।
अधीक्षक/ प्रधानाचार्य, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय।
हाँ, यह केवल ऑफलाइन आवेदन हैं।